Cibil Score Hidden Factors: क्या आपका लोन अक्सर रिजेक्ट हो जाता है? आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आपकी आमदनी ठीक है, डॉक्यूमेंट्स भी पूरे हैं, फिर भी बैंक या एनबीएफसी आपके लोन के आवेदन को मंजूरी नहीं देते। इसकी सबसे बड़ी वजह अक्सर आपका सिबिल स्कोर होता है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को पूरी जानकारी नहीं होती। यह आर्टिकल आपको सिबिल स्कोर के उन छुपे हुए कारणों के बारे में बताएगा जो आपके लोन को रिजेक्ट करवाते हैं और साथ ही, आप इन्हें कैसे सुधार सकते हैं, इसकी पूरी सीधी जानकारी देगा। अगर आप भी लोन की इस परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको किसी और जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमने यहां सिबिल स्कोर से जुड़े हर पहलू को आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है। आपको पता चलेगा कि सिर्फ लोन न चुकाने से ही नहीं, बल्कि कुछ और छोटी-छोटी गलतियों की वजह से भी आपका स्कोर प्रभावित होता है। इसलिए, अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप अपने स्कोर को सही तरीके से मैनेज करना सीख सकें और अगली बार आपका लोन आसानी से पास हो सके।
सिबिल स्कोर क्या है और यह इतना जरूरी क्यों है?
सीधे शब्दों में कहें तो सिबिल स्कोर आपकी आर्थिक साख का एक अंक होता है, जो 300 से 900 के बीच में होता है। यह स्कोर दिखाता है कि आपने अब तक जो भी कर्ज लिया है, उसे चुकाने में आप कितने भरोसेमंद रहे हैं। बैंक और कर्ज देने वाली कंपनियां लोन देने से पहले इसी स्कोर को चेक करती हैं। अगर आपका स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो लोन मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। वहीं, कम स्कोर होने पर लोन रिजेक्ट होने का खतरा रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, सिबिल भारत की सबसे पुरानी और मुख्य क्रेडिट ब्यूरो है।
लोन रिजेक्ट होने के छुपे हुए कारण
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि सिर्फ लोन न चुकाने से ही सिबिल स्कोर खराब होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। कई छोटी-छोटी बातें हैं जो आपके स्कोर पर बुरा असर डालती हैं:
- क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल न चुकाना: हर महीने क्रेडिट कार्ड का बिल पूरा न भरने से भी स्कोर कम होता है।
- बहुत ज्यादा क्रेडिट इन्क्वायरी: कम समय में कई बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से आपकी कई इन्क्वायरी दर्ज होती हैं, जो स्कोर को नुकसान पहुंचाती हैं।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो का ज्यादा होना: अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो इससे स्कोर पर असर पड़ सकता है।
- गारंटर बनना: अगर आप किसी के लोन के गारंटर बनते हैं और वह व्यक्ति समय पर किस्त नहीं भरता, तो इसकी वजह से आपके अपने स्कोर को नुकसान पहुंच सकता है।
सिबिल स्कोर को सुधारने के आसान तरीके
अच्छी खबर यह है कि आप कुछ आसान steps follow करके अपने सिबिल स्कोर को सुधार सकते हैं। इसमें समय लग सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से मुमकिन है।
- समय पर बिल भरें: अपने सभी क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की किस्तों को हमेशा समय पर चुकाएं। यह स्कोर सुधारने का सबसे आसान और कारगर तरीका है।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को कम रखें: कोशिश करें कि आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
- लोन और कार्ड के लिए बार-बार अप्लाई न करें: एक साथ कई जगहों पर अप्लाई करने से बचें। हर अप्लाई के साथ एक नई इन्क्वायरी दर्ज होती है, जो स्कोर को कम करती है।
- क्रेडिट हिस्ट्री को लंबा खींचे: अपने पुराने और अच्छे इतिहास वाले क्रेडिट कार्ड्स को बंद न करें। लंबी अच्छी हिस्ट्री स्कोर को बेहतर बनाने में मदद करती है।
- अपना सिबिल रिपोर्ट चेक करते रहें: साल में कम से कम एक बार अपना सिबिल रिपोर्ट जरूर देखें। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपका स्कोर किस स्थिति में है और कहीं कोई गलत जानकारी तो दर्ज नहीं है।
निष्कर्ष: थोड़ी सावधानी से मिलेगी बड़ी कामयाबी
आपको बता दें, एक अच्छा सिबिल स्कोर सिर्फ लोन लेने के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि इससे आपको कम ब्याज दर पर भी लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे आपकी बचत होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन लोगों का सिबिल स्कोर 800 के पार होता है, उनके लोन के आवेदन जल्दी से मंजूर होते हैं। इसलिए, अपने आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए अपने सिबिल स्कोर पर नजर रखना बहुत जरूरी है। छोटी-छोटी आदतों में सुधार करके आप न सिर्फ अपना स्कोर बेहतर बना सकते हैं, बल्कि लोन रिजेक्ट होने की परेशानी से भी छुटकारा पा सकते हैं।